आज आपने काफी लोगो से सुना होगा की Finance के बारे मैं जान न ज़रूरी है या फिर Finance के ज़रिये ही हम पैसो का सही ज्ञान लगा सकते है। पर आज हमारे देश के अधिकतम व्यक्ति Finance के बारे मैं नहीं जानते है और उन्हें लगता है जब भी पैसो की बात होती है , उसे हम Finance कहते है। पर ऐसा नहीं है , Finance पूरी तरह से कुछ और है। आप भी नहीं जानते ? आपके भी मन मैं यह सवाल है की Finance Kya hai ? आईये बताते है।
Finance kya hai ?
Finance की ओर अगर हम ध्यान से देखे तो वह एक ऐसा ज्ञान है जो की जुड़ा है पैसा , मुद्रा एवं Capital Assets से। यह सुनने मैं काफी हद तक अर्थशास्त्र के जैसा लगता है परन्तु ये उससे काफी ज़्यादा अलग है।
Finance के ज्ञान के ज़रिये हम Financial Instruemnets के बारे मैं जान कर उनकी खरीद बेच करके अच्छे खासे पैसे कमा सकते है। Financial Instruments काफी लाभ दायक होते है जैसे की currencies, loans, bonds, shares, stocks, options, futures | आप चाहे तो Finance के ज्ञान का सही इस्तेमाल करके इनके ज़रिये पैसे कमा सकते है और वही अगर आपको Finance का ज्ञान नहीं है तो आप पैसे गवा भी सकते है।
पहले के ज़माने मैं Finance का मतलब लोग पैसे ही समझते थे पर समय के साथ साथ जहा पर अब काफी लोग Finance का अर्थ जानते है , वही पर काफी ऐसे भी लोग है जो की अभी तक Finance के बारे मैं नहीं जान सके है।
19th Century के दौरान ये प्रथा शुरू हुई थी की finance और पैसे एक सामान होते है पर 20th Century मैं लोगो ने धीरे धीरे समझा की Finance और पैसे काफी हद तक अलग होते है। आज के ज़माने मैं हम काफी आगे बढ़ चुके है और अब अगर हम ध्यान से देखे तो Finance की degree भी मिलती है हमे। आपने कई लोगो से सुना होगा की वे MBA कर रहे है Finance मैं।
भारत मैं Finance का ज्ञान कौन रखते है ?
Stay focused and invested in your game to unlock new potential.#UTIMF #UTIMutualFund #Potential #Moment #Finance #Investment #Money #MutualFundsSahiHai pic.twitter.com/4jUL2icvle
— UTI Mutual Fund (@utimutualfund) March 28, 2024
भारत मैं सबसे भरोसेमंद क्या है ? सर्कार है हमारी और सर्कार ने अगर कोई Finance के लिए विभाग बनायीं है तो उससे ज़्यादा ज्ञान तो कोई रख ही नहीं सकता Finance के बारे मैं। ऐसे ही भारत सर्कार ने सं 1963 मैं मिल कर बनाया था Unit Trust of India यानि की हम सब उसे जिस नाम से जानते है , UTI |
UTI आज भारत की सबसे बड़ी एवं सबसे पुराणी Finance एवं Investment का विभाग है जहा पर आज करीबन 1.2 Crore से भी ज़्यादा account है 230 Scheme के तहत और इस आंकड़े के ज़रिये हम समझ सकते है की लोगो का इतना भरोसा UTI पर क्यों है। आज UTI के तहत काम से काम 10000 करोड़ के assets है और यहाँ पर आप अपने Finance की यात्रा 100 रुपये से सिर्फ शुरू कर सकते है।
अब अगर आपके मन मैं ऐसा सवाल आ रहा है की क्या कोई एक व्यक्ति है जो की Finance का ज्ञान रखता है , तो आपको हमने जैसा की अभी बताया की Finance के course भी आ चुके है और आईये आपको हम बताते है एक ऐसे व्यक्ति के बारे मैं जिसने MBA in Finance किया है और आज भारत के सबसे बड़े व्यापारी एवं निवेशक बन गए है।
हम सबने Shark Tank के काफी जाने माने shark Aman Gupta के बारे मैं तो सुना ही होगा। Aman Gupta जी ने आज boAt company को भारत का ससे जाना मन एवं सबसे भरोसेमंद Headphone Speaker का brand बनाया है पर ये उन्होने एक दिन मैं नहीं किया है।
उन्होंने पहले CA की degree हासिल की और साथ ही साथ MBA किया Finance मैं तब जाकर उन्होंने Finance का अछका ज्ञान मिला जिसके ज़रिये आज उन्होंने इतना बड़ा व्यापार खड़ा कर लिया और इतना दम रखते है की किसी भी व्यापार मैं निवेश करके उसे भी खड़ा कर ले।
Finance किन प्रकार के होते है ?
कई लोग इस बात से अनजान है की Finance के भी प्रकार होते है। जैसा की हमने कहा की हम आपको फिननेके बारे मैं सब बताएँगे और Finance के प्रकार बिना बातये तो हम कही नहीं जा सकते।
Personal Finance
Personal Finance को अगर हम सरल भाषा मैं कहे तो ये एक सोच समझ कर योजना है जहा पर आप अपने जीवन के खर्चे और कमाई है जहा पर आप जोखिम को भी ध्यान मैं रखते हुए उससे बचते है।
Personal Finance मैं हम कुछ ज़रूरी खर्चो के बारे मैं सोच सकते है जैसे की आपकी पढाई का खर्चा , घर खरीदने की योजना , गाडी खरीदने की योजना , अपने Life Insurance की योजना एवं आपके पैसे निवेश करना और Retirement का सोचना। ये सब कुछ Personal Finance के तहत आता है।
Personal Finance के लिए हमे income, spending, saving, investing, and protection की काफी अच्छी समझ होनी चाहिए।
Corporate Finance
Corporate Finance हम उसे कहते है जो की Managers के द्वारा कुछ कदम लिए जाते है ताकि वे अपने Company का मूल्य बढ़ा पाए और उसके ज़रिये वे अपने Company की Funding बढ़ा पाए एवं कुछ नए Technique लगा पाए जिसके ज़रिये Company की आर्थिक स्थिति और सुधर जाये।
जबकि कॉर्पोरेट वित्त सैद्धांतिक रूप से प्रबंधकीय वित्त से भिन्न है, जो अकेले निगमों के बजाय सभी फर्मों के वित्तीय प्रबंधन का अध्ययन करता है, अवधारणाएँ सभी फर्मों की वित्तीय समस्याओं पर लागू होती हैं, [14] और इस क्षेत्र को अक्सर “व्यवसाय” के रूप में जाना जाता है। वित्त”।
Corporate Finance का मूल उद्देश्य यही होता है की वह Company के assets का पूर्ण इस्तेमाल करे और उसके ज़रिये अपने Shareholders एवं निवेशकों को ज़्यादा से ज़्यादा फायदे दे सके यहाँ पर वे अपना जोखिम एवं अपना फ़ायदे का एक संतुलन बना कर चले।
Public Finance
जैसा की नाम है Public समझ ही गए होंगे की ये हम सभी के लिए होता है पर हमारे लिए ये कौन करता है ? ये सर्कार के द्वारा बनाये गए योजनाए है जहा पर सर्कार हमारी भलाई के लिए एवं हमारे आस पास सर्कार के द्वारा दी गयी चीज़ो को बेहतर बनाने और पैसो का सही इस्तेमाल करने की योजना है।
यहाँ पर सर्कार की मदद करने की लिए Reserve Bank of India रहता है जो की सर्कार का Banker है। RBI भी काफी ऐसी Public Finance की Scheme लता है जहा पर वो मौका देता यही की हम आम जनता वह पर पैसे निवेश कर पाए और आगे चल कर सर्कार इस पैसो को सही काम पर लगा कर हमे अच्छे फायदे के साथ वापस करती है।
Investment Management
Investment Management को हम आसान भाषा मैं Professional Asset Management कहते है जहा पर हमारे द्वारा निवेश किये हुए Securities , Shares , Bonds एवं बाकि सभी तरह के Assets का अच्छा ध्यान रखा जाता है।
जैसा कि ऊपर बताया गया है, निवेशक संस्थान हो सकते हैं, जैसे कि बीमा कंपनियां, पेंशन फंड, निगम, दान, शैक्षिक प्रतिष्ठान, या निजी निवेशक, या तो सीधे निवेश अनुबंधों के माध्यम से या अधिक सामान्यतः, म्यूचुअल फंड, एक्सचेंज – ट्रेडेड फंड जैसी सामूहिक निवेश योजनाओं के माध्यम से।
एक अच्छी तरह से विविध पोर्टफोलियो में, प्राप्त निवेश प्रदर्शन, सामान्य तौर पर, मुख्य रूप से चयनित परिसंपत्ति मिश्रण का एक कार्य होगा, जबकि व्यक्तिगत प्रतिभूतियां कम प्रभावशाली होती हैं। विशिष्ट दृष्टिकोण या दर्शन भी महत्वपूर्ण होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह बाजार चक्र के साथ किस हद तक पूरक है।
Risk Management
आप यहाँ नाम से ही समझ रहे है की यहाँ पर बात हो रही है जोखिम को संतुलन मैं लाने की। वित्तीय जोखिम प्रबंधन वित्तीय जोखिमों के विरुद्ध कॉर्पोरेट मूल्य की रक्षा करने की प्रथा है, अक्सर वित्तीय साधनों का उपयोग करके इनके जोखिम को “हेजिंग” करके। फोकस विशेष रूप से ऋण और बाजार जोखिम पर है, और बैंकों में नियामक पूंजी के माध्यम से परिचालन जोखिम भी शामिल है।
Conclusion :
अगर आप कई समय से सोच रहे थे की Finance Kya Hai पर आपको इसका उत्तर नहीं मिल रहा था तो आशा करते है की आप पूर्ण रूप से समझ गए होंगे की Finance क्या है और अब आपको Finance के बारे मैं सब पता चल गया है।
तो Finance Kya hai ?
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